नई दिल्ली: कोरोना संक्रमण को रोकने के लिए देशभर में लंबे समय तक लॉकडाउन लागू रहा, जिसका असर सभी सेक्टर पर पड़ा. चूंकि राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय उड़ानों पर पाबंदी रही. इसलिए इसका असर एयर लाइंस कंपनियों पर भी पड़ा. इसके तहत एयर इंडिया के कर्मचारियों को 6 महीने से लेकर 5 साल तक बिना वेतन के लंबी छुट्टी पर जा सकते हैं. बोर्ड ऑफ डायरेक्टर्स की बैठक में इस प्लान को मंजूरी दी गई है.
लॉकडाउन की मार सबसे ज्यादा एअर लाइंस कंपनियों पर पड़ी है. आर्थिक संकट से जूझ रही कंपनियां खर्च कम करने के लिए नए-नए तरीके ढूंढ रही हैं. अब एअर इंडिया ने कर्मचारियों की संख्या कम करने का प्लान बनाया है. इस प्लान के तहत कर्मचारी बिना वेतन के लंबी छुट्टी पर जा सकते हैं. इसे लीव विदाउट पे (एलडब्ल्यूपी) कहा गया है. यह छुट्टी 6 महीने से लेकर पांच साल तक हो सकती है.
इंडिया टुडे की खबर के मुताबिक कुछ कर्मचारियों को अनिवार्य रूप से बिना वेतन के 6 महीने से लेकर पांच साल तक की छुट्टी पर भेजा जा सकता है. कर्मचारियों को उनकी दक्षता, क्षमता, प्रदर्शन की गुणवत्ता, कर्मचारियों का स्वास्थ्य आदि के आधार पर चयन किया जाएगा कि किन्हें छुट्टी पर भेजना है और किन्हें नहीं भेजना है. एअर इंडिया के इस प्लान को बोर्ड ऑफ डायरेक्टर्स की 102वीं बैठक में मंजूरी दी गई. ऑर्डर के मुताबिक, हेडक्वार्टर और रीजनल हेड को कहा गया है कि वे इस प्लान के मुताबिक कर्मचारियों के नाम मुख्यालय को भेजें.
भारत में ज्यादातर एयरलाइंस कंपनियों ने आर्थिक नुकसान की भरपाई के लिए वेतन कटौती और अन्य दूसरे उपाय अपनाए हैं. गौरलतब है कि लंबे समय तक उड़ानें बंद रहने के बाद 25 मई से घरेलू यात्री उड़ान सेवा शुरू की गई थी. इसके बाद यात्रियों को राहत मिली. कोरोना वायरस के बढ़ते मामलों के बीच अंतरराष्ट्रीय यात्री उड़ान सेवा पर लगी रोक को 31 जुलाई तक बढ़ा दी गई है. नागर विमानन महानिदेशालय (DGCA) ने अधिसूचना जारी कर इसकी जानकारी दी थी. हालांकि, इसके साथ ही डीजीसीए ने आने वाले दिनों में कुछ चुनिंदा अंतरराष्ट्रीय रूट पर विमान सेवाएं शुरू किए जाने के भी संकेत दिए थे.